Sunday, February 15, 2009

wo raat kya raat thi

वो रात भी क्या रात थी ,
तुम थे और था चाँद थोड़ा थोड़ा |

कर रहे थे प्यार मुझको ,
और था इताब थोड़ा थोड़ा |

थोडी थोडी मुहब्बत थी और ,
था तेरा नखरा थोड़ा थोड़ा |

सारी छत पे थी खुशबू महकी ,
जो था तेरा इकरार थोड़ा थोड़ा |


andaaja

बहोत देर तक अंदाजा लगाते रहे ,
वोह आयेंगे किस ओर से दिल में ,
ज़िन्दगी ऐसे ही ख्याल बुनती रही ,
वोह आए और आकर चले गए ,
हम बस बहोत देर तक अंदाजा ही लगाते रहे |  

chalka chalka paimana

यह झूठो की बस्ती है , यह मुर्दों का तहखाना है ,
इनसे क्या लेना देना मुझे , अपना हमदम तो विराना है |
अब साजे सागर क्या कहिये , छलका छलका पैमाना है ,
जो बीत गए वोह दिन थे मेरे , है शाम जिसे अब जाना है | 

jeene ke bahane

दिल रोता है , होंठ मुस्कुराते है ,
मुस्कुराने के बहाने बहोत है |
मायूस हो जाता हु रोज मगर ,
जीने के बहाने बहोत है |

कैसे रहोगे तन्हा हम बिन ,
जी न सकेंगे हम भी तुम बिन |

दिल पर बोझ यादो का इतना ,
मर भी सकेंगे कैसे तुम बिन |

शाम तो कट ही गई पीते पीते ,
जाने कैसे कटेगी यह रात तुम बिन |

‘राही’ भूल रहा है अपनी मंझिल ,
बदले बदले से जो है यह नज़ारे तुम बिन |


वोह यार मेरा दिलदार मेरा कुछ अनसुना सा हो गया ,
जल गए हम भी कसक में , वोह दिलजला सा हो गया |

जब समंदर से मैं गुजरा साया अपना खो गया ,
जिसकी तलाश में था में भटका , ये सहरा पासवा सा हो गया |

उस किरण का था ये वादा , साथ में हमसाया होगा ,
बुझना ही बाकी था जिसका , जलजला सा हो गया |

उन दिलजलो की याद में नुकसान अपना हो गया ,
जो था कभी दुश्मन सा वोह , अब मेहरबा सा हो गया |

करता है गुनाह दिल सजा हमको मिलती है ,
दिवानो की बस्ती में जाने क्यो हमारी हस्ती मिलती है |

कोई दिलजला गुजरा था इसी रास्ते ,
वहा आज किसी दीवाने की लाश मिलती है |

उसके लिए तो हसते हसते हम फना हो जायेंगे ,
रश्के जन्नत की गली उसके दर से मिलती है |

ऐ खुदा हमको भी वोह नजारा तो दिखा दे ,
कहते है चाँद को भी चाँदनी उसके दीद से मिलती है |

Dil pe lga daag dhulta kyu nahi

जो दिल पे लगा है दाग वोह धुलता क्यो नही ,
और तो भरते है लेकिन , यह दिल का जख्म भरता क्यो नही |

आंठो पहर आना रहता था हमारी गली में जिसका ,
इक पल के लिए भी अब वोह नजर आता क्यो नही |

तेरे प्यार में तेरी चाह में हमको है सब कबूल ,
कुछ तो करे कबूल मगर कुछ याद आता क्यो नही |

धड़कता था दिल मेरा , ख़बर होती थी आपको ,
अब तेरा दिल भी मेरे लिए तड़पता क्यो नही |