Aaj Ya Kal
Saturday, January 10, 2009
हम रात जागते रह गए , हम राह तकते रह गए ,
शायद वोह मोड़ मुड गए होंगे , या हम ही किसी की मंजिल न थे
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment