तेरी आँखों ने यह जो कह दिया ,
बस इसको ही मैंने शायरी नाम रख दिया |
तालियाँ बजी थी , तारीफे थी मेरी ,
तेरा नाम जो मैंने महफिल में कह दिया |
जिस रात दिखा था तेरा चेहरा ,
उस रात को मैंने चौदहवी कह दिया |
तुम भी बन जाओगे मशहूर शायर ,
मेरी तरह जो तुमने उनको सुन लिया |
1 comment:
wah wah gazab
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