Saturday, January 10, 2009

शुक्रिया के हमारे अंजुमन में आप आए है ,

सब ओर बरस रहे है जलवे , के सरकार आए है |

तुम्ही से रोशन हर महफिल , तुम्ही से रोशन हर लम्हा ,

के आज की शब रौशनी में नहाने यहाँ महताब आए है |

सरफरोशी कि तमन्ना थी हमारे दिल में भी ,

मगर अब करेंगे गुलामी आपकी , के आप शम्मे बहार लाये है |

दास्ताने सिफर सुनाते थे जो पैमाने कभी ,

वोह आज ख़ुद नशे में डूबने कि गुहार लाये है |

14 comments:

Unknown said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, खूब लिखें, नियमित लिखें… एक अर्ज है कि कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें, यह अनावश्यक है… धन्यवाद।

Sanjeev Mishra said...

ek sundar rachna dene ke liye dhanywad.

Vinay said...

हिन्दी चिट्ठा-जगत में आपका हार्दिक स्वागत है

सागर नाहर said...

नेहाजी
आपका हार्दिक स्वागत है।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.
खूब लिखें,अच्छा लिखें

Anonymous said...

aapke anjuman me ham aaye to hai lekin sarkaar nahi, Bharat desh ki praja hai :)

achchha hai,jaaree rakhe.
haa ye word verification hata le.

-------------------------"VISHAL"

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

Unknown said...

मेरे मित्र
अभिवंदन
आप द्वारा लिखित बातो ने मेरे दिल को छु लिया। अति सुन्दर॥॥॥।
मेरे ब्लोग को देखे।

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

शुक्रिया के हमारे अंजुमन में आप आए है ,.................ये आपने कहा....और अब हम आपको यही कहते हैं......!!
आपका भी शुक्रिया..........आपकी रचना अच्छी लगी(थोडी लाईनें चोटी-बड़ी थीं....मगर आशा हैं आगे आप ठीक कर लेंगी.....आभी-अभी हमने भी इक रचना पोस्ट की थी.....वो अभी यहीं दीख गई....तो आप भी नोश फरमा लें.... एडवांस में आपको धन्यवाद....और आपको अच्छा ना लगे तो सॉरी....!!

कौन सी आग मिरे दिल में जल रही है
ये कैसी तमन्ना बार-बार मचल रही है !!
ये कैसी मिरे रब की मसीहाई है हाय-हाय
धुप सर पे और पा पे छाया चल रही है !!
आ-आके कानों में जाने क्या-क्या कहती है
ये कौन-सी शै मिरे साथ-साथ चल रही है !!
कभी थीं खुशियाँ और आज कितने गम हैं
जिंदगी पल-पल कितने रंग बदल रही है !!
इस जिंदगी को क्या तो मैं मायने दूँ उफ़
उम्र कितनी तेजी से "गाफिल" ढल रही है !!

hindi-nikash.blogspot.com said...

ब्लोगिंग की दुनिया में आपका स्वागत है. मेरी कामना है की आपके शब्दों को नई ऊंचाइयां और नए व गहरे अर्थ मिलें और विद्वज्जगत में उनका सम्मान हो.
कभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर एक नज़र डालने का कष्ट करें.
http://www.hindi-nikash.blogspot.com

सादर-
आनंदकृष्ण, जबलपुर.

Prakash Badal said...

ब्लॉग जगत में आपका स्वागत और नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं।

Unknown said...

kya baat h........

rishabh said...

wah...... wah............

rishabh said...

wah...... wah............