करता है गुनाह दिल सजा हमको मिलती है ,
दिवानो की बस्ती में जाने क्यो हमारी हस्ती मिलती है |
कोई दिलजला गुजरा था इसी रास्ते ,
वहा आज किसी दीवाने की लाश मिलती है |
उसके लिए तो हसते हसते हम फना हो जायेंगे ,
रश्के जन्नत की गली उसके दर से मिलती है |
ऐ खुदा हमको भी वोह नजारा तो दिखा दे ,
कहते है चाँद को भी चाँदनी उसके दीद से मिलती है |
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