Sunday, February 15, 2009

Dil pe lga daag dhulta kyu nahi

जो दिल पे लगा है दाग वोह धुलता क्यो नही ,
और तो भरते है लेकिन , यह दिल का जख्म भरता क्यो नही |

आंठो पहर आना रहता था हमारी गली में जिसका ,
इक पल के लिए भी अब वोह नजर आता क्यो नही |

तेरे प्यार में तेरी चाह में हमको है सब कबूल ,
कुछ तो करे कबूल मगर कुछ याद आता क्यो नही |

धड़कता था दिल मेरा , ख़बर होती थी आपको ,
अब तेरा दिल भी मेरे लिए तड़पता क्यो नही |


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