कैसे रहोगे तन्हा हम बिन ,जी न सकेंगे हम भी तुम बिन |
दिल पर बोझ यादो का इतना ,मर भी सकेंगे कैसे तुम बिन |
शाम तो कट ही गई पीते पीते ,जाने कैसे कटेगी यह रात तुम बिन |
‘राही’ भूल रहा है अपनी मंझिल ,बदले बदले से जो है यह नज़ारे तुम बिन |
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